भक्ति गीत। भक्ति गीत।
बिना बात उलझना मुझसे झूठ मूठ खिलाना डांट बिना बात उलझना मुझसे झूठ मूठ खिलाना डांट
मैं सरल लिखूं या क्लिष्ट लिखूं? मैं गरल लिखूं या विशिष्ट लिखूं? मैं सरल लिखूं या क्लिष्ट लिखूं? मैं गरल लिखूं या विशिष्ट लिखूं?
हरगोविंद जाग अब, कर अब ही तू जो नहीं कर पाया.....! हरगोविंद जाग अब, कर अब ही तू जो नहीं कर पाया.....!
इस कविता में मैंने "प्रेम" को कुछ पंक्तियों द्वारा दर्शाया है | इस कविता में मैंने "प्रेम" को कुछ पंक्तियों द्वारा दर्शाया है |